Skip to main content

Read 108 Names Of Hanuman पङे 108 नाम भगवान हनुमान केऔर लिजिए वरदान

शिव पुराण में कहा गया है, भक्तों में
शिरोमणि हनुमान जी भगवान शिव के दसवें
अवतार हैं। इनके पूजन का शुभ दिन मंगलवार
को माना गया है। लोक मान्यता के अनुसार
कहा जाता है की इस दिन जितना प्रसाद
हनुमान जी पर भक्तों द्वारा अर्पित किया
जाता है, उतना किसी अन्य देवी-देवता पर
अर्पित नहीं होता। "संकट हरण मंगल करण"
को प्रसन्न करने के लिए उनके पूजन में
मंत्रों, आरती, चालीसा और कई तरह के पाठ
किए जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार अगर इस
दिन हनुमान जी की पूजा को पूरे विधि-विधान
से किया जाए तो मनुष्य के जीवन में कोई भी
संकट शेष नहीं रहता। यदि आप ऐसा नहीं कर
सकते तो बजरंगबली के 108 नामों का जाप
करने से आपके सारे दुख दूर हो जाएंगे।
वैसे तो हर रोज इन नामों का जाप करना परम
सुखदाई है, हर रोज न कर सकें तो मंगलवार
को अवश्य करें इनका जाप बनेगा हर बिगड़ा
काम
1.आंजनेया : अंजना का पुत्र
2.महावीर : सबसे बहादुर
3.हनूमत : जिसके गाल फुले हुए हैं
4.मारुतात्मज : पवन देव के लिए रत्न जैसे
प्रिय
5.तत्वज्ञानप्रद : बुद्धि देने वाले
6.सीतादेविमुद्राप्रदायक : सीता की अंगूठी
भगवान राम को देने वाले
7.अशोकवनकाच्छेत्रे: अशोक बाग का
विनाश करने वाले
8.सर्वमायाविभंजन : छल के विनाशक
9.सर्वबन्धविमोक्त्रे : मोह को दूर करने
वाले
10.रक्षोविध्वंसकारक : राक्षसों का वध
करने वाले
11.परविद्या परिहार : दुष्ट शक्तियों का
नाश करने वाले
12.परशौर्य विनाशन : शत्रु के शौर्य को
खंडित करने वाले
13.परमन्त्र निराकर्त्रे : राम नाम का जाप
करने वाले
14.परयन्त्र प्रभेदक : दुश्मनों के उद्देश्य
को नष्ट करने वाले
15.सर्वग्रह विनाशी : ग्रहों के बुरे प्रभावों
को खत्म करने वाले
16.भीमसेन सहायकृथे : भीम के सहायक
17.सर्वदुखः हरा : दुखों को दूर करने वाले
18.सर्वलोकचारिणे : सभी जगह वास करने
वाले
19.मनोजवाय : जिसकी हवा जैसी गति है
20.पारिजात द्रुमूलस्थ : प्राजक्ता पेड़ के
नीचे वास करने वाले
21.सर्वमन्त्र स्वरूपवते : सभी मंत्रों के
स्वामी
22.सर्वतन्त्र स्वरूपिणे : सभी मंत्रों और
भजन का आकार जैसा
23.सर्वयन्त्रात्मक: सभी यंत्रों में वास
करने वाले
24.कपीश्वर : वानरों के देवता
25.महाकाय : विशाल रूप वाले
26.सर्वरोगहरा : सभी रोगों को दूर करने वाले
27.प्रभवे : सबसे प्रिय
28.बल सिद्धिकर :
29.सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायक : ज्ञान
और बुद्धि प्रदान करने वाले
30.कपिसेनानायक : वानर सेना के प्रमुख
31.भविष्यथ्चतुराननाय : भविष्य की
घटनाओं के ज्ञाता
32.कुमार ब्रह्मचारी : युवा ब्रह्मचारी
33.रत्नकुण्डल दीप्तिमते : कान में
मणियुक्त कुंडल धारण करने वाले
34.चंचलद्वाल सन्नद्धलम्बमान
शिखोज्वला : जिसकी पूंछ उनके सर से भी
ऊंची है
35.गन्धर्व विद्यातत्वज्ञ, : आकाशीय
विद्या के ज्ञाता
36.महाबल पराक्रम : महान शक्ति के
स्वामी
37.काराग्रह विमोक्त्रे : कैद से मुक्त करने
वाले
38.शृन्खला बन्धमोचक: तनाव को दूर करने
वाले
39.सागरोत्तारक : सागर को उछल कर पार
करने वाले
40.प्राज्ञाय : विद्वान
41.रामदूत : भगवान राम के राजदूत
42.प्रतापवते : वीरता के लिए प्रसिद्ध
43.वानर : बंदर
44.केसरीसुत : केसरी के पुत्र
45.सीताशोक निवारक : सीता के दुख का
नाश करने वाले
46.अन्जनागर्भसम्भूता : अंजनी के गर्भ से
जन्म लेने वाले
47.बालार्कसद्रशानन : उगते सूरज की तरह
तेजस
48.विभीषण प्रियकर : विभीषण के हितैषी
49.दशग्रीव कुलान्तक : रावण के राजवंश
का नाश करने वाले
50.लक्ष्मणप्राणदात्रे : लक्ष्मण के प्राण
बचाने वाले
51.वज्रकाय : धातु की तरह मजबूत शरीर
52.महाद्युत : सबसे तेजस
53.चिरंजीविने : अमर रहने वाले
54.रामभक्त : भगवान राम के परम भक्त
55.दैत्यकार्य विघातक : राक्षसों की सभी
गतिविधियों को नष्ट करने वाले
56.अक्षहन्त्रे : रावण के पुत्र अक्षय का
अंत करने वाले
57.कांचनाभ : सुनहरे रंग का शरीर
58.पंचवक्त्र : पांच मुख वाले
59.महातपसी : महान तपस्वी
60.लन्किनी भंजन : लंकिनी का वध करने
वाले
61.श्रीमते : प्रतिष्ठित
62.सिंहिकाप्राण भंजन : सिंहिका के प्राण
लेने वाले
63.गन्धमादन शैलस्थ : गंधमादन पर्वत पार
निवास करने वाले
64.लंकापुर विदायक : लंका को जलाने वाले
65.सुग्रीव सचिव : सुग्रीव के मंत्री
66.धीर : वीर
67.शूर : साहसी
68.दैत्यकुलान्तक : राक्षसों का वध करने
वाले
69.सुरार्चित : देवताओं द्वारा पूजनीय
70.महातेजस : अधिकांश दीप्तिमान
71.रामचूडामणिप्रदायक : राम को सीता का
चूड़ा देने वाले
72.कामरूपिणे : अनेक रूप धारण करने वाले
73.पिंगलाक्ष : गुलाबी आँखों वाले
74.वार्धिमैनाक पूजित : मैनाक पर्वत द्वारा
पूजनीय
75.कबलीकृत मार्ताण्डमण्डलाय : सूर्य को
निगलने वाले
76.विजितेन्द्रिय : इंद्रियों को शांत रखने
वाले
77.रामसुग्रीव सन्धात्रे : राम और सुग्रीव
के बीच मध्यस्थ
78.महारावण मर्धन : रावण का वध करने
वाले
79.स्फटिकाभा : एकदम शुद्ध
80.वागधीश : प्रवक्ताओं के भगवान
81.नवव्याकृतपण्डित : सभी विद्याओं में
निपुण
82.चतुर्बाहवे : चार भुजाओं वाले
83.दीनबन्धुरा : दुखियों के रक्षक
84.महात्मा : भगवान
85.भक्तवत्सल : भक्तों की रक्षा करने वाले
86.संजीवन नगाहर्त्रे : संजीवनी लाने वाले
87.सुचये : पवित्र
88.वाग्मिने : वक्ता
89.दृढव्रता : कठोर तपस्या करने वाले
90.कालनेमि प्रमथन : कालनेमि का प्राण
हरने वाले
91.हरिमर्कट मर्कटा : वानरों के ईश्वर
92.दान्त : शांत
93.शान्त : रचना करने वाले
94.प्रसन्नात्मने : हंसमुख
95.शतकन्टमदापहते : शतकंट के अहंकार को
ध्वस्त करने वाले
96.योगी : महात्मा
97.मकथा लोलाय : भगवान राम की कहानी
सुनने के लिए व्याकुल
98.सीतान्वेषण पण्डित : सीता की खोज
करने वाले
99.वज्रद्रनुष्ट :
100.वज्रनखा : वज्र की तरह मजबूत नाखून
101.रुद्रवीर्य समुद्भवा : भगवान शिव का
अवतार
102.इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र
विनिवारक : इंद्रजीत के ब्रह्मास्त्र के
प्रभाव को नष्ट करने वाले
103.पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने : अर्जुन के
रथ पार विराजमान रहने वाले
104.शरपंजर भेदक : तीरों के घोंसले को नष्ट
करने वाले
105.दशबाहवे : दस्द भुजाओं वाले
106.लोकपूज्य : ब्रह्मांड के सभी जीवों
द्वारा पूजनीय
107.जाम्बवत्प्रीतिवर्धन : जाम्बवत के
प्रिय
108.सीताराम पादसेवा : भगवान राम और
सीता की सेवा में तल्लीन रहने वाले

Comments

Popular posts from this blog

INDIA ONLY ONE SAINT FLY BY GODS GARUD VIMAN-PLANE

Sant Tukaram Vaikuntha trip in Vimana(Flying Vehicle) One of the things that has fascinated me is the story of Sant Tukaram Maharaja who was a spiritual saint and is well known for his Abhanga's(Poems). His story of Travel to Vaikuntha in God Vishnu's Vimana(Flying Plan) is a interesting account which mentions the Flying Vehicle coming from skies. Sant Tukaram (c.1608-c.1650), also Shri Tukaramm was a seventeenth century Marathi poet Sant of India. He lived in small town called Dehu which is located near to Pune city. Dehu houses many temples of Sant Tukaram the famous one is the Gatha Temple where about 4,000 abhangs (verses) created by Tukaram maharaj are pasted on the walls. In Dehu the hillock is located were its be lived that the Flying vehicle of Lord Vishnu came to take Sant Tukaram to Vaikuntha.To this day, devotees gather at the hillock and sing his praises. Tukaram Maharaj was a devotee of Vitthal (a form of Lord Krishna), the supreme God in Vaishnavism. His...

MYSTERY OF DEHU SAINT TUKARAM IN HINDHI

भगवान के दर्शन पूना से नौ मील दूर बाघोली नामक स्‍थान में एक वेद-वेदान्‍त के प्रकाण्‍ड पण्डित तथा कर्मनिष्‍ठ ब्राह्मण रहते थे। उनको तुकाराम की यह बात ठीक न जंची। तुकाराम जैसे शूद्र जाति वाले के मुख से श्रुत्‍यर्थबोधक मराठी अभंग निकलें और आब्राह्मण सब वर्णों के लोग उसे संत जानकर मानें तथा पूजें, यह बात उन्‍हें जरा भी पसंद न आयी। उन्‍होंने देहू के हाकिम से तुकाराम जी को देहू छोड़कर कहीं चले जाने की आज्ञा दिलायी। इस पर तुकाराम पण्डित रामेश्‍वर भट्ट के पास गये और उनसे बोले- "मेरे मुख से जो ये अभंग निकलते हैं, सो भगवान पाण्‍डुरंग की आज्ञा से ही निकलते हैं। आप ब्राह्मण हैं, ईश्‍वरवत हैं, आपकी आज्ञा है तो मैं अभंग बनाना छोड़ दूँगा, पर जो अभंग बन चुके हैं और लिखे रखे हैं, उनका क्‍या करूँ?" भट्ट जी ने कहा- "उन्‍हें नदी में डुबा दो।" ब्राह्मण की आज्ञा शिरोधार्य कर तुकाराम ने देहू लौटकर ऐसा ही किया। अभंग की सारी बहियां इन्‍द्रायणी के दह में डुबो दी गयीं। पर विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा तुकाराम के भगवद्प्रेमोद्गार निषिद्ध माने जायें, इससे तुकाराम के हृदय पर बड़ी चोट लगी। उन्‍ह...

NASA USE ANCIENT HINDU SOLAR SYSTEM BY VEDAS प्राचिन हिंदु वेद के अनुसार नवग्रह

Navagrahas Graha (from Sanskrit ग्रह gráha — seizing, laying hold of, holding) is a 'cosmic influencer' on the living beings of mother Bhumadevi (earth). In Hindu Astrology, the Navagraha (Sanskrit: नवग्रह, nine planets or nine realms) are some of these major influencers. Overview Ancient Indian seers had an extensive knowledge of Astronomy derived from observation, analysis and profound insight. They observed also that planetary movements and human affairs presented remarkable coincidences and concurrences within repetitive cyclic patterns that made them predictable. Thus they codified their composite knowledge of Astronomy and Astrology into a single science called Jyotisha. And this work became sufficiently significant to human affairs that it was invested with the status of a Vedanga, a limb of the Vedas. "The Sanskrit word captures the idea that these nine grahas are living energies which put out waves of energy. These waves of ener...