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Showing posts from February, 2017

YAMRAJ TOLD WHAT IS DEATH यमराज और जिवन कया है

. अमरता मनुष्य चाहे अमरता प्राप्त करने के लिए कितनी ही कोशिश क्यों ना करता रहे, कितने ही जोड़तोड़ क्यों ना लगा ले लेकिन सृष्टि के नियम के विरुद्ध वह किसी भी रूप में नहीं जा सकता। सृष्टि के जिस नियम के विषय में हम बात कर रहे हैं वो है जीवन और मृत्यु का नियम। 2. मृत्यु जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु और मृत्यु के बाद आत्मा का दूसरे शरीर में प्रवेश करना निश्चित है। इसलिए अमरता का बेवजह का ख्वाब देखना पूरी तरह बेमानी है। 3. जिज्ञासु यूं तो मृत्यु का नाम भी इंसान के भीतर कंपन पैदा करता है लेकिन सत्य यह भी है कि जितना लोग इस विषय पर जानने के लिए जिज्ञासु रहते हैं उतना किसी अन्य विषय के लिए नहीं। 4. मृत्युपूर्वाभास मृत्युपूर्वाभास हों या मृत्यु के पश्चात अपने गंतव्य तक आत्मा का सफर, सभी के विषय में जानने की जिज्ञासा आम मनुष्य में देखी जा सकती है। 5. यमराज इसी कड़ी में आज हम आपको मृत्यु से जुड़े कुछ ऐसे रहस्यों से अवगत करवाएंगे जो स्वयं मृत्यु के देवता यमराज ने बताए थे। 6. कठोपनिषद कठोपनिषद में यमराज और बालक नचिकेता की मुलाकात से जुड़ी एक कथा मिलती है। जिसके अनुसार क्

NASA MISSION SANSKRUT IN HINDI नासा के सब कँमपुटर सँसकृत भाषा मे कयो है

Ancient Computer Science Language Sanskrit,nasa sanskrit programming, nasa sanskrit report, The power of Sanskrit (“संस्कृत”), NASA to echo Sanskrit in space, website confirms its Mission Sanskrit Ancient Computer Science Language : नासा के एक वैज्ञानिक रिक ब्रिग्ज़ का एक लेख ‘ए आई’ ( आर्टिफ़िशल इंटैलिजैन्स्, कृत्रिम् बुद्धि) पत्रिका में 1985 में प्रकाशित हुआ है जिसमें उऩ्होंने घोषणा की है : “कम्पूटर के लिये सर्वोत्तम भाषा संस्कृत है”। कम्पूटर की क्रियाओं के लिये कम्प्यूटर के अन्दर एक भाषा की आवश्यकता होती है जो गणितीय तथा अत्यंत परिशुद्ध होती है। इस भाषा से ‘बात’ करने के लिये कम्प्यूटर प्रोग्रामर्स को एक प्रचलित (स्वाभाविक )भाषा की आवश्यकता होती है जो उसके दैनंदिन कार्य की भाषा तो होती है किन्तु उसका भी परिव्हुद्ध होना अनिवार्य होता है अन्यथा कम्प्यूटर उसकी बात को गलत समझ सकता है। पिछले बीसेक वर्षों से एक ऐसी परिशुद्ध स्वाभाविक भाषा का विकास करने का विपुल व्यय के साथ भरसक प्रयत्न किया जा रहा है जिससे क्रमादेशक अपनी बात कम्प्यूटर को सुस्पष्ट अभिव्यक्त कर सक

Pandav swarg yatra in hindi कयो युदिषटिर और कुता दोनो पांङव से पहले सँवरग गये

भगवान कृष्ण एक वन से गुजर रहे थे तभी उनके पांव में एक कांटा लगा और वो दर्द से कराहते एक पेड़ के नीचे बैठे, एक शिकारी वंही से निकला, उसे कृष्ण की कराह किसी जानवर सी लगी और उसने शब्दभेदी वाण से तीर चलाया जो सीखा कृष्ण के पैर में लगा. जब शिकारी ने कृष्ण को देखा तो वो रो पड़ा और क्षोभ करने लगा, तब कृष्ण ने उसे एक कथा सुनाई जब राम रूप में उन्होंने छुप कर बाली को मारा था और भील वाही बाली था. तब बाली चुप हुआ वैकुण्ठ से गरुड़ आये और भगवान सशरीर अपने धाम सिधार गए. पांडवो को कृष्ण ने पहले ही अपने द्वारिका नगर की जिम्मेदारी दे रखी थी. अर्जुन समस्त वासियो समेत जैसे ही नगर के बाहर निकले की नगर समुद्र में डूब गया। अर्जुन यदुवंश की स्त्रियों व वासियों को लेकर तेजी से हस्तिनापुर की ओर चलने लगे। रास्ते में कलयमण के बचे हुए सैनिक वहां लुटेरों के रूप में तैयार थे. जब उन्होंने देखा कि अर्जुन अकेले ही इतने बड़े जनसमुदाय को लेकर जा रहे हैं तो धन के लालच में आकर उन्होंने उन पर हमला कर दिया। अर्जुन ने अपनी शक्तियों को याद किया, लेकिन उसकी शक्ति समाप्त हो गई। अर्जुन जैसे योद्धा क

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रावण का पुषपक विमान रहयस और आज के लंका के हवाई अङे

अनुपम महाकाव्य महाऋषि वाल्मीकि रामायण को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई सवाल पैदा होते है। लोगों के मन में अक्सर ये सवाल आते हैं कि इसमें बतलाएं गए स्थान, वर्णित कहानियां व घटनाएं किसी कवि द्वारा प्रस्तुत की गई कल्पनाएं हैं या फिर सच में ऐसा कुछ हुआ था और लंकापति रावण के पास सच में कोई विमान था, ऐसे कई सवाल पैदा होते हैं परंतु ये बात सत्य है कि रावण के पास सिर्फ एक ही विमान नहीं था परंतु लंका में कई ऐसे विमान मौजूद थे जिनका प्रयोग लंकापति रावण करता था। वाल्मीकि रामायण में भी सबसे पहले प्राचीन विमान के रूप में पुष्पक विमान की चर्चा की गई है। रामायण में वर्णित है कि रावण पंचवटी से माता सीता का हरण करके पुष्पक विमान से लंका लेकर आया था। इस लेख के माध्यम से धार्मिक शास्त्रों व वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर हम अपने पाठकों को बताने जा रहे हैं की लंका में स्थित रावण के विमानो और उसके हेलिपैड के रहस्य के बारे में। शास्त्र वाल्मीकि रामायण के अनुसार पुष्पक विमान में बैठकर लंकापति रावण ने सीता का हरण किया था। युद्ध उपरांत श्रीराम, सीता, लक्ष्मण व अपने अन्य सहयोगियों के साथ

रामायन एक पोरानिक सच है देखे सब सबुत साई पुराण के अनुसार Ramayan Is Not Myth by Proof Sai Puran

रामायण एक पौराणिक सत्य है...! ( कुछ प्रमाण ) Ramayana is not a Myth जी हाँ आज हम आपको बताना चाहते है ! हिन्दुओ का धर्म ग्रन्थ रामायण और उसके किरदार क्या सच है ! या मात्र एक कल्पना आज हम आपको ऐसे साबुत और तथ्य बताएँगे की Ramayana एक सत्य कथा और ग्रन्थ है ये तथ्य जान हिन्दू धर्म मे आपका विश्वास और मजबूत हो जाएगा धर्म और आस्था एक ही सिक्के के दो पहलू हैं ! जहां धर्म की बात होती है वहां आस्था खुद-ब-खुद आ जाती है ! हिन्दुओं के सबसे बड़े ग्रंथ Mahabharata के साथ भी कुछ ऐसा ही है ! श्री कृष्ण भगवान और गीता भी इसी से जुड़े हैं ! गीता में लिखे शब्दों को हिन्दू धर्म का मार्ग दर्शक कहा जाता है और महाभारत को धर्म और अधर्म के बीच हुआ सबसे बड़ा युद्ध ! उस वक्त के मिले कुछ प्रमाण ये साबित भी करते हैं कि श्री कृष्ण ने इस धरती पर जन्म लिया था और Mahabharata का युद्ध भी हुआ था ! जानिए क्या थी => चाणक्य नीति - Chanakya Niti 1. अशोक वाटिका => आज उस जगह को Hakgala Botanical Garden कहते हैं ! और जहां सीता जी को रखा गया था उस स्थान को ‘सीता एल्या’ कहा जाता है ! क्य
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जगनाथ पुरी और हम Jagnath Puri And Us by Sai Puran

जगन्नाथ रथयात्रा दस दिवसीय महोत्सव होता है। यात्रा की तैयारी अक्षय तृतीया के दिन श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा के रथों के निर्माण के साथ ही शुरू हो जाती है। जगन्नाथ मंदिर में पूजा, आचार- व्यवहार, रीति-नीति और व्यवस्थाओं को शैव, वैष्णव, बौद्ध, जैन धर्मावलम्बियों ने भी प्रभावित किया है। जगन्नाथ रथयात्रा भारत में मनाए जाने वाले धार्मिक महामहोत्सवों में सबसे प्रमुख तथा महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। यह रथयात्रा न केवल भारत अपितु विदेशों से आने वाले पर्यटकों के लिए भी ख़ासी दिलचस्पी और आकर्षण का केंद्र बनती है। भगवान श्रीकृष्ण के अवतार ङ्कजगन्नाथङ्क की रथयात्रा का पुण्य सौ यज्ञों के बराबर माना जाता है। सागर तट पर बसे पुरी शहर में होने वाली ङ्कजगन्नाथ रथयात्रा उत्सवङ्क के समय आस्था का जो विराट वैभव देखने को मिलता है, वह और कहीं दुर्लभ है। इस रथयात्रा के दौरान भक्तों को सीधे प्रतिमाओं तक पहुँचने का बहुत ही सुनहरा अवसर प्राप्त होता है। जगन्नाथ रथयात्रा दस दिवसीय महोत्सव होता है। यात्रा की तैयारी अक्षय तृतीया के दिन श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा के रथों के निर्माण के साथ

आपकि पसंद और सुजाव साई पुराण के लिए SAI PURAN YOUR OWN LIKE TOPIC AND REQUEST

Sai Puran Hindhi And English साई पुराण आपसे अनुरोघ करता है कि अगर आपके पास अजब गजब सच घटना का अनुभव या चिञ , जगाह आदि आप हमे भेजे ताकी आपकी मदत से हम ये सबसे शेअर कर सक SAI PURAN saipuran asking you Ramayan Viman,Samrat Ashoka , ufo india, Mahabharat Myth You Can Share With Us. Saipuran is the only way to bring Indian Mythology Is True by Providing Proof. sai puran Saipuran Provide New Information With Detail Proof of the Subject. Also New Mudra Yojna Pradhan Mantri Mudra Yojna Awas Yojna Indian Bank Loan Sector etc.

MYSTERY OF DEHU SAINT TUKARAM IN HINDHI

भगवान के दर्शन पूना से नौ मील दूर बाघोली नामक स्‍थान में एक वेद-वेदान्‍त के प्रकाण्‍ड पण्डित तथा कर्मनिष्‍ठ ब्राह्मण रहते थे। उनको तुकाराम की यह बात ठीक न जंची। तुकाराम जैसे शूद्र जाति वाले के मुख से श्रुत्‍यर्थबोधक मराठी अभंग निकलें और आब्राह्मण सब वर्णों के लोग उसे संत जानकर मानें तथा पूजें, यह बात उन्‍हें जरा भी पसंद न आयी। उन्‍होंने देहू के हाकिम से तुकाराम जी को देहू छोड़कर कहीं चले जाने की आज्ञा दिलायी। इस पर तुकाराम पण्डित रामेश्‍वर भट्ट के पास गये और उनसे बोले- "मेरे मुख से जो ये अभंग निकलते हैं, सो भगवान पाण्‍डुरंग की आज्ञा से ही निकलते हैं। आप ब्राह्मण हैं, ईश्‍वरवत हैं, आपकी आज्ञा है तो मैं अभंग बनाना छोड़ दूँगा, पर जो अभंग बन चुके हैं और लिखे रखे हैं, उनका क्‍या करूँ?" भट्ट जी ने कहा- "उन्‍हें नदी में डुबा दो।" ब्राह्मण की आज्ञा शिरोधार्य कर तुकाराम ने देहू लौटकर ऐसा ही किया। अभंग की सारी बहियां इन्‍द्रायणी के दह में डुबो दी गयीं। पर विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा तुकाराम के भगवद्प्रेमोद्गार निषिद्ध माने जायें, इससे तुकाराम के हृदय पर बड़ी चोट लगी। उन्‍ह

Yaksha Prashna Questions To Yudhistir Hindhi

पांडवों के वनवास के बारह वर्ष समाप्त होनेवाले थे. इसके बाद एक वर्ष के अज्ञातवास की चिंता युधिष्ठिर को सता रही थी. इसी चिंता में मग्न एक दिन युधिष्ठिर भाइयों और कृष्ण के साथ विचार विमर्श कर रहे थे कि उनके सामने एक रोता हुआ ब्राम्हण आ खड़ा हुआ. रोने का कारण पूछने पर उसने बताया – “मेरी झोपडी के बाहर अरणी की लकड़ी टंगी हुई थी. एक हिरण आया और वह इस लकड़ी से अपना शरीर खुजलाने लगा और चल पड़ा. अरणी की लकड़ी उसके सींग में ही अटक गई. इससे हिरण घबरा गया और बड़ी तेजी से भाग खड़ा हुआ. अब मैं अग्नि होत्र के लिए अग्नि कैसे उत्पन्न करूंगा?” (अरणी ऐसी लकड़ी है जिसे दूसरी अरणी से रगड़कर आग पैदा की जाती है). उस ब्राम्हण पर तरस खाकर पाँचों भाई हिरण की खोज में निकल पड़े. हिरण उनके आगे से तेजी से दौड़ता हुआ बहुत दूर निकल गया और आँखों से ओझल हो गया. पाँचों पांडव थके हुए प्यास से व्याकुल होकर एक बरगद की छाँव में बैठ गए. वे सभी इस बात से लज्जित थे कि शक्तिशाली और शूरवीर होते हुए भी ब्राम्हण का छोटा सा काम भी नहीं कर सके. प्यास के मारे उन सभी का कंठ सूख रहा था. नकुल सभी के लिए पानी की खोज में निकल पड़े. कुछ

INDIA ONLY ONE SAINT FLY BY GODS GARUD VIMAN-PLANE

Sant Tukaram Vaikuntha trip in Vimana(Flying Vehicle) One of the things that has fascinated me is the story of Sant Tukaram Maharaja who was a spiritual saint and is well known for his Abhanga's(Poems). His story of Travel to Vaikuntha in God Vishnu's Vimana(Flying Plan) is a interesting account which mentions the Flying Vehicle coming from skies. Sant Tukaram (c.1608-c.1650), also Shri Tukaramm was a seventeenth century Marathi poet Sant of India. He lived in small town called Dehu which is located near to Pune city. Dehu houses many temples of Sant Tukaram the famous one is the Gatha Temple where about 4,000 abhangs (verses) created by Tukaram maharaj are pasted on the walls. In Dehu the hillock is located were its be lived that the Flying vehicle of Lord Vishnu came to take Sant Tukaram to Vaikuntha.To this day, devotees gather at the hillock and sing his praises. Tukaram Maharaj was a devotee of Vitthal (a form of Lord Krishna), the supreme God in Vaishnavism. His

RAMAYAN IMORTAL FACTS IN ENGLISH

Lord Hanuman is one of the 7 chiranjeevs. These immortals will live till the beginning of the next Satya Yuga. The stripes on the back of squirrels is supposed to be Ram‘s caress for their dedication to help construct the bridge to Lanka. Ravana once broke his arm to construct a musical instrument to sing songs of praise for Shiva. It was called the Ravan Hatta. While Ravan lay dying Ram asked Laxmana to go up to him to learn all that Ravana had to offer since Ravan was a Brahman. Hanuman rejected a pearl necklace gifted by to him by Sita saying “I don’t accept anything that does not contain Ram.” To prove his point he ripped his chest to show the presence of Ram in his heart. Sita’s name while in exile was Vaidehi. Vashishtha and Vishvamitra both were Ram’s gurus. And both hated each other at one point of time. Lakshman is the avatar of Shesha Naga. The mount of Vishnu. The Ramayana, the most read epic in Hindu mythology contains some very interesting facts, known and unknown.

Ramayan Part 1

सनातन धर्म के धार्मिक लेखक तुलसीदास जी के अनुसार सर्वप्रथम श्री राम की कथा भगवान श्री शंकर ने माता पार्वती जी को सुनायी थी। जहाँ पर भगवान शंकर पार्वती जी को भगवान श्री राम की कथा सुना रहे थे वहाँ कागा (कौवा) का एक घोसला था और उसके भीतर बैठा कागा भी उस कथा को सुन रहा था। कथा पूरी होने के पहले ही माता पार्वती को नींद आ गई पर उस पक्षी ने पूरी कथा सुन ली। उसी पक्षी का पुनर्जन्म काकभुशुण्डि के रूप में हुआ। काकभुशुण्डि जी ने यह कथा गरुड़ जी को सुनाई। भगवान श्री शंकर के मुख से निकली श्रीराम की यह पवित्र कथा अध्यात्म रामायण के नाम से प्रख्यात है। अध्यात्म रामायण को ही विश्व का सर्वप्रथम रामायण माना जाता है। RAMAYAN RAMAYAN हृदय परिवर्तन हो जाने के कारण एक दस्यु से ऋषि बन जाने तथा ज्ञानप्राप्ति के बाद वाल्मीकि ने भगवान श्री राम के इसी वृतान्त को पुनः श्लोकबद्ध किया। महर्षि वाल्मीकि के द्वारा श्लोकबद्ध भगवान श्री राम की कथा को वाल्मीकि रामायण के नाम से जाना जाता है। वाल्मीकि को आदिकवि कहा जाता है तथा वाल्मीकि रामायण को आदि रामायण के नाम से भी जाना जाता है। RAMAYAN RAMAYAN देश में विदेशियों की

Untold Myth In Ramayana

#1. King Dashratha had one more child. And here’s how Ram and his brothers were born. Before Ram and his brothers were born, King Dashratha and his first wife Kaushalya had a daughter named Shanta. Kaushalya’s elder sister Vershini and her husband Raja Rompad (who was a great friend of Raja Dashratha as they studied in same Ashram) had no offspring. Once, when Vershini was in Ayodhya, she joked around asking for a child, to which Dashratha promised her she can adopt his daughter, Shanta. As the promise of ‘Raghukul’ had to be kept, Shanta was adopted by Raja Rompad, the king of Angdesh. One fine day, when Shanta was grown up to be an adult and was now a very beautiful woman, she was in a conversation with Raja Rompad. At this time, a Brahmin came to visit King Rompad requesting help for cultivation during the monsoon. Busy in the conversation with his adopted daughter Shanta, Raja Rompad ignored the Brahmin who left the kingdom. Lord Indra, the God of rains, was offended because a B

LORD SHIVA TEMPLE OUTSIDE INDIA

Devotees of Shiva can be found all over the planet. He is the supreme Lord and his devotees seek him in every corner of the planet. For this same reason some of the most magnificent temples in the world have been constructed for Shiva. We have for you today a list of beautiful Shiva temples in the world. 1. Prambanan Temple in Java, Indonesia It is the largest temple in South East Asia and dates back to the 9th century.  ajimachmudi The shrine dedicated to Lord Shiva is located in the innermost section of the temple complex. 2. The Shiva Vishnu Temple, Lanham, Maryland The temple houses as many as seventeen beautiful shrines of various Hindu deities.  ssvt 3. Shiva Vishnu Temple in South Florida, USA The temple was founded in 1993; the architecture is based on the vaasthu and agama shastras. The temple complex:  Albina S Temple interior:  Albina S 4. Shiva Temple in Zurich, Switzerland The temple houses a shivalinga as well as the statues of Natara

SHIRDI SAI BABA STILL SEEN IN PHOTO BELIVE OR PROVE IT

Watch Real Photo Taken From Camera when 15 Year Boy Coming From Shirdi by Train. It 100% Original Photo if Edited This Please Prove it. Jai sai ram Please share this

Hindu Mythological Wepon In Modern Wepon World महाभारत रामायन के असँतर शषतर आजभी है

के दो महान महाकाव्यों, रामायमण और महाभारत, की कहानियां महायुद्ध पर आधारित हैं। रामायण में श्री राम और रावण के बीच और महाभारत में पांडवों और कौरवों के बीच कुरुक्षेत्र का युद्ध इतिहास में अपनी अलग ही छाप छोड़ता है। यह दोनों ही युद्ध कोई साधारण युद्ध नहीं थे। दैवीय शक्तियों से लैस यह अस्त्र-शस्त्र आज भी काफी प्रासंगिक हैं। दोनों ही युद्धों में विनाश के उन शस्त्रों का प्रयोग हुआ, जो भीषण विध्वंस मचाने में पूरी तरह सक्षम थे। हिन्दू धर्म में जिन शस्त्रों का जिक्र किया गया है, उन सभी शस्त्रों में कलयुग, यानि मौजूदा समय के वैज्ञानिकों को उसी तरह के हथियार बनाने के लिए प्रेरित किया है। मगर सोचने वाली बात यह है कि जो हथियार कलयुग में अब प्रयोग किए जाते हैं, उनका आविष्कार हजारों साल पहले हो चुका है। आइए देखते हैं कलयुग के वो हथियार, जो पौराणिक शस्त्रों से मेल खाते हैं: 1. मंत्र हिन्दू धर्म में मंत्रों का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है। मंत्र उच्चारण ईश्वर की अराधना के साथ शस्त्र चलाने के लिए भी काफी उपयोगी माने गए हैं। कार्य क्षमता– मंत्रों द्वारा शस्त्रों को चलाकर श

Read 108 Names Of Hanuman पङे 108 नाम भगवान हनुमान केऔर लिजिए वरदान

शिव पुराण में कहा गया है, भक्तों में शिरोमणि हनुमान जी भगवान शिव के दसवें अवतार हैं। इनके पूजन का शुभ दिन मंगलवार को माना गया है। लोक मान्यता के अनुसार कहा जाता है की इस दिन जितना प्रसाद हनुमान जी पर भक्तों द्वारा अर्पित किया जाता है, उतना किसी अन्य देवी-देवता पर अर्पित नहीं होता। "संकट हरण मंगल करण" को प्रसन्न करने के लिए उनके पूजन में मंत्रों, आरती, चालीसा और कई तरह के पाठ किए जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार अगर इस दिन हनुमान जी की पूजा को पूरे विधि-विधान से किया जाए तो मनुष्य के जीवन में कोई भी संकट शेष नहीं रहता। यदि आप ऐसा नहीं कर सकते तो बजरंगबली के 108 नामों का जाप करने से आपके सारे दुख दूर हो जाएंगे। वैसे तो हर रोज इन नामों का जाप करना परम सुखदाई है, हर रोज न कर सकें तो मंगलवार को अवश्य करें इनका जाप बनेगा हर बिगड़ा काम 1.आंजनेया : अंजना का पुत्र 2.महावीर : सबसे बहादुर 3.हनूमत : जिसके गाल फुले हुए हैं 4.मारुतात्मज : पवन देव के लिए रत्न जैसे प्रिय 5.तत्वज्ञानप्रद : बुद्धि देने वाले 6.सीतादेविमुद्राप्रदायक : सीता की अंगूठी भगवान राम को देने वाले

VIMANA SAMRAT ASHOKA विमान यान और समराट आशोक

Next Rajiv Dixit प्राचीन विमान शास्त्र !! प्राचीन विमानों की दो श्रेणिया इस प्रकार थीः- मानव निर्मित विमान,जो आधुनिक विमानों की तरह पंखों के सहायता से उडान भरते थे। महर्षि भारद्वाज के शब्दों में पक्षियों की भांति उडने के कारण वायुयान को विमान कहते हैं। वेगसाम्याद विमानोण्डजानामिति ।। विमानों के प्रकार:- शकत्युदगमविमान अर्थात विद्युत से चलने वाला विमान, धूम्रयान(धुँआ,वाष्प आदि से चलने वाला), अशुवाहविमान(सूर्य किरणों से चलने वाला), शिखोदभगविमान(पारे से चलने वाला), तारामुखविमान(चुम्बक शक्ति से चलने वाला), मरूत्सखविमान(गैस इत्यादि से चलने वाला), भूतवाहविमान(जल,अग्नि तथा वायु से चलने वाला)। पूरी पोस्ट नहीं पढ़ सकते तो यहाँ click करे Link http://goo.gl/os4Md7 आश्चर्य जनक विमान,जो मानव निर्मित नहीं थे किन्तु उन का आकार प्रकार आधुनिक ‘उडन तशतरियों’ के अनुरूप है। विमान विकास के प्राचीन ग्रन्थ भारतीय उल्लेख प्राचीन संस्कृत भाषा में सैंकडों की संख्या में उपलब्द्ध हैं, किन्तु खेद का विषय है कि उन्हें अभी तक किसी आधुनिक भाषा में अनुवादित ही नहीं किया गया। प्राचीन भार

Stephen Hawkings New Astrology 2017

दुनिया के सबसे मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने कहा हैं कि पिछले 50 सालों में ब्रह्मांड की तस्वीर काफी बदल चुकी हैं। नई दिल्ली, 19 नवंबर :दुनिया के सबसे मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने ये कहकर सबको चौका दिया हैं कि धरती पर इंसान अब एक हजार साल के बाद जीवित नहीं बचेगा। इसलिए उसे रहने लायक दूसरे ग्रह की तलाश करनी होगी। स्टीफन ने स्पष्ट कहा कि ‘मुझे नहीं लगता है कि हम दूसरे ग्रह को खोजे बिना धरती पर एक हजार साल और जीवित रह पाएंगे।’ ऑक्सफोर्ड यूनियन डिबेटिंग सोसाइटी में भविष्य की यह भयावह तस्वीर ब्रह्माांड और मानव की उत्पत्ति विषय पर व्याख्यान के दौरान स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया भर के देशों के लिए चेतावनी जारी की है। Advertisement 74 वर्षीय प्रोफेसर ने कहा कि वैसे तो इंसान यूनिवर्स के सबसे छोटे हिस्सों में से एक है लेकिन फिर भी उसने इसके बारे में अपनी एक समझ विकसित कर ली है। उन्होंने ये भी साफ कहा है कि अब इस बात की उम्मीद बहुत कम है कि हम और 1000 साल इस धरती पर गुजार पाएंगे। इसलिए हमें इस बात की कोशिश शुरू कर देनी चाहिए कि धरती जैसा ही कोई दूसरा ग्रह हमारी

NASA ALIENS SEPTEMBER 2017

इसी साल सितम्बर-17 में एलियन का हमला होने वाला है। क्या इसी साल Aliens का Spaceship धरती पर आने वाला है। शायद इसका जवाब हाँ है, क्यूँकि 2017 की एक भविष्यवाणी सच होने जा रहा है। फ़्रांस के भविष्य बकता और बइबल के अनुसार 2017 में अंतरिक्ष से आने वाले परिग्राही जीव पृथ्वी पर हमला करेंगे। September 2017, Aliens coming to our earth आप सोच रहे होंगे की ऐसी भविष्यवाणी कभी सच नहीं होती लेकिन नासा के मुताबिक मीलों लम्बी UFO’s का एक विशाल झुंड हमारे सोर मंडल में इस वक़्त प्रवेश कर चुके है। ये बात नासा के एक satellite से पता चला है। जिस गति से ये UFO का झुण्ड आगे बाद रहा है, उस हिसाब से वो इसी साल क सितम्बर महीने तक पृथ्वी पर पहुँच जायेंगे। अभी तक एलियन होने न होने पर विवाद हो रहा था परंतु अब खुद जवाब हमारे पास आ रहा है। वैज्ञानिक “Stephen Hawking” कहते थे की पृथ्वी से अन्तरिक्ष में हम इंसानों को रेडियो सिग्नल नहीं भेजने चाहिए क्यूँकि इस से एलियंस को हम इंसानों के गृह की स्थिति का पता चल जायेगा। और हमें नहीं पता की वो एलियंस कैसे होंगे मित्र और दुश्मन हो सकता है। Relate