के दो महान
महाकाव्यों, रामायमण और
महाभारत, की कहानियां महायुद्ध
पर आधारित हैं। रामायण में श्री राम
और रावण के बीच और महाभारत में
पांडवों और कौरवों के बीच
कुरुक्षेत्र का युद्ध इतिहास में
अपनी अलग ही छाप छोड़ता है। यह
दोनों ही युद्ध कोई साधारण युद्ध
नहीं थे। दैवीय शक्तियों से लैस यह
अस्त्र-शस्त्र आज भी काफी
प्रासंगिक हैं। दोनों ही युद्धों में
विनाश के उन शस्त्रों का प्रयोग
हुआ, जो भीषण विध्वंस मचाने में
पूरी तरह सक्षम थे। हिन्दू धर्म में
जिन शस्त्रों का जिक्र किया गया
है, उन सभी शस्त्रों में कलयुग,
यानि मौजूदा समय के वैज्ञानिकों
को उसी तरह के हथियार बनाने के
लिए प्रेरित किया है। मगर सोचने
वाली बात यह है कि जो हथियार
कलयुग में अब प्रयोग किए जाते हैं,
उनका आविष्कार हजारों साल पहले
हो चुका है। आइए देखते हैं कलयुग के
वो हथियार, जो पौराणिक शस्त्रों
से मेल खाते हैं:
1. मंत्र
हिन्दू धर्म में मंत्रों का बहुत बड़ा
महत्व माना जाता है। मंत्र उच्चारण
ईश्वर की अराधना के साथ शस्त्र
चलाने के लिए भी काफी उपयोगी
माने गए हैं। कार्य क्षमता– मंत्रों
द्वारा शस्त्रों को चलाकर शत्रु पर
प्रहार किया जाता था। कलयुग
समानता– आवाज से चलने वाले
यंत्र
2. शिव के तीन बाण
महाभारत में भीम के पौत्र बरबरीक
को भगवान शिव ने तीन बाण दिए थे,
जिसने उसे महाभारत के युद्ध का
सबसे ताकतवर योद्धा बना दिया।
कार्य क्षमता- निशाना साधने के
बाद, ये साधे निशाने को ही भेदते हैं।
ये कभी निशाना नहीं चूकते। कलयुग
समानता- टॉरपीडो
3. पशुपातास्त्र
यह शस्त्र भगवान शिव की
आराधना से प्राप्त किया जाता था।
हालांकि इसे ब्रह्मास्त्र से रोका जा
सकता है, मगर यह भगवान विष्णु के
किसी भी शस्त्र नहीं रोक सकता।
कार्य क्षमता- यह लक्ष्य को पूरी
तरह से तबाह कर देता है। लक्ष्य
चाहे कैसा भी हो, इसमें उसका
अस्तित्व समाप्त करने की क्षमता
है। कलयुग समानता है– हाइड्रोजन
बम
4. इंद्रास्त्र
देवों के राजा इंद्र के इस अस्त्र से
एक साथ कई लोगों को मारा जा
सकता है। कार्य क्षमता- यह एक
साथ अनेकों बाणों की वर्षा कर
सकता है। कलयुग समानता- मशीन
गन
5. अग्नेयस्त्र
अग्नि देव के इस अस्त्र से ऐसी
ज्वाला और आग निकलती थी, जिसे
बुझाया नहीं जा सकता। कार्य
क्षमता- आग की लपटें फेंकना
कलयुग समानता- फ्लेम थ्रोअर्स
6. त्वष्ट्र अस्त्र
यह लाजवाब शस्त्र स्वर्ग के
निर्माता त्वष्ट्र से प्राप्त किया
जाता है। कार्य क्षमता- इस शस्त्र
से सेनाएं अपने शत्रु को नहीं पहचान
पाती और अंत में आपस में ही लड़
कर स्वयं का नाश कर लेती हैं।
कलयुग समानता- आजकल के युद्ध
में प्रयोग होने वाली विभिन्न गैस
7. सुदर्शन चक्र
भगवान विष्णु के सर्वप्रमुख
अस्त्र ने कई बार इसका प्रयोग
कई रूपों में किया है। कार्य क्षमता-
यह केवल भगवान विष्णु की आज्ञा
का पालन करता है और लक्ष्य को
पूरी तरह तबाह कर देता है। कलयुग
समानता- मिसाइल
?8. पुष्पक रथ/विमान
दैत्यों के राजा, रावण ने सीता हरण
के लिए इस हवाई रथ का प्रयोग
किया था। कार्य क्षमता- हवा में
उड़ना वाला वाहन। कलयुग
समानता- पर्सनल हवाई जहाज
9. वज्र
देवों के राजा इंद्र का एक और
अस्त्र। महर्षि दधिचि की हड्डियों
से बने इस शस्त्र से बिजली
निकलती है। कार्य क्षमता- शत्रु
को बिजली के द्वारा रोकना।
कलयुग समानता– आज के समय के
लेजर, जिससे बिजली के झटके दिए
जाते हैं।
10. ब्रह्मास्त्र
भगवान ब्रह्मा के इस शस्त्र का
प्रयोग महाभारत में हुआ था।
रामायण में इसका प्रयोग इंद्रजीत
ने श्री राम पर भी किया था। कार्य
क्षमता- लक्ष्य का संपूर्ण
विनाश। इससे एक समय पर कई
तरह का विनाश किया जा सकता है।
कल्युग समानता– परमाणु बम इसे
देख कर लगता है कि सूर्य के लिए
कुछ भी नया नहीं। वो यह सब पहले
भी देख चुका है।
महाकाव्यों, रामायमण और
महाभारत, की कहानियां महायुद्ध
पर आधारित हैं। रामायण में श्री राम
और रावण के बीच और महाभारत में
पांडवों और कौरवों के बीच
कुरुक्षेत्र का युद्ध इतिहास में
अपनी अलग ही छाप छोड़ता है। यह
दोनों ही युद्ध कोई साधारण युद्ध
नहीं थे। दैवीय शक्तियों से लैस यह
अस्त्र-शस्त्र आज भी काफी
प्रासंगिक हैं। दोनों ही युद्धों में
विनाश के उन शस्त्रों का प्रयोग
हुआ, जो भीषण विध्वंस मचाने में
पूरी तरह सक्षम थे। हिन्दू धर्म में
जिन शस्त्रों का जिक्र किया गया
है, उन सभी शस्त्रों में कलयुग,
यानि मौजूदा समय के वैज्ञानिकों
को उसी तरह के हथियार बनाने के
लिए प्रेरित किया है। मगर सोचने
वाली बात यह है कि जो हथियार
कलयुग में अब प्रयोग किए जाते हैं,
उनका आविष्कार हजारों साल पहले
हो चुका है। आइए देखते हैं कलयुग के
वो हथियार, जो पौराणिक शस्त्रों
से मेल खाते हैं:
1. मंत्र
हिन्दू धर्म में मंत्रों का बहुत बड़ा
महत्व माना जाता है। मंत्र उच्चारण
ईश्वर की अराधना के साथ शस्त्र
चलाने के लिए भी काफी उपयोगी
माने गए हैं। कार्य क्षमता– मंत्रों
द्वारा शस्त्रों को चलाकर शत्रु पर
प्रहार किया जाता था। कलयुग
समानता– आवाज से चलने वाले
यंत्र
2. शिव के तीन बाण
महाभारत में भीम के पौत्र बरबरीक
को भगवान शिव ने तीन बाण दिए थे,
जिसने उसे महाभारत के युद्ध का
सबसे ताकतवर योद्धा बना दिया।
कार्य क्षमता- निशाना साधने के
बाद, ये साधे निशाने को ही भेदते हैं।
ये कभी निशाना नहीं चूकते। कलयुग
समानता- टॉरपीडो
3. पशुपातास्त्र
यह शस्त्र भगवान शिव की
आराधना से प्राप्त किया जाता था।
हालांकि इसे ब्रह्मास्त्र से रोका जा
सकता है, मगर यह भगवान विष्णु के
किसी भी शस्त्र नहीं रोक सकता।
कार्य क्षमता- यह लक्ष्य को पूरी
तरह से तबाह कर देता है। लक्ष्य
चाहे कैसा भी हो, इसमें उसका
अस्तित्व समाप्त करने की क्षमता
है। कलयुग समानता है– हाइड्रोजन
बम
4. इंद्रास्त्र
देवों के राजा इंद्र के इस अस्त्र से
एक साथ कई लोगों को मारा जा
सकता है। कार्य क्षमता- यह एक
साथ अनेकों बाणों की वर्षा कर
सकता है। कलयुग समानता- मशीन
गन
5. अग्नेयस्त्र
अग्नि देव के इस अस्त्र से ऐसी
ज्वाला और आग निकलती थी, जिसे
बुझाया नहीं जा सकता। कार्य
क्षमता- आग की लपटें फेंकना
कलयुग समानता- फ्लेम थ्रोअर्स
6. त्वष्ट्र अस्त्र
यह लाजवाब शस्त्र स्वर्ग के
निर्माता त्वष्ट्र से प्राप्त किया
जाता है। कार्य क्षमता- इस शस्त्र
से सेनाएं अपने शत्रु को नहीं पहचान
पाती और अंत में आपस में ही लड़
कर स्वयं का नाश कर लेती हैं।
कलयुग समानता- आजकल के युद्ध
में प्रयोग होने वाली विभिन्न गैस
7. सुदर्शन चक्र
भगवान विष्णु के सर्वप्रमुख
अस्त्र ने कई बार इसका प्रयोग
कई रूपों में किया है। कार्य क्षमता-
यह केवल भगवान विष्णु की आज्ञा
का पालन करता है और लक्ष्य को
पूरी तरह तबाह कर देता है। कलयुग
समानता- मिसाइल
?8. पुष्पक रथ/विमान
दैत्यों के राजा, रावण ने सीता हरण
के लिए इस हवाई रथ का प्रयोग
किया था। कार्य क्षमता- हवा में
उड़ना वाला वाहन। कलयुग
समानता- पर्सनल हवाई जहाज
9. वज्र
देवों के राजा इंद्र का एक और
अस्त्र। महर्षि दधिचि की हड्डियों
से बने इस शस्त्र से बिजली
निकलती है। कार्य क्षमता- शत्रु
को बिजली के द्वारा रोकना।
कलयुग समानता– आज के समय के
लेजर, जिससे बिजली के झटके दिए
जाते हैं।
10. ब्रह्मास्त्र
भगवान ब्रह्मा के इस शस्त्र का
प्रयोग महाभारत में हुआ था।
रामायण में इसका प्रयोग इंद्रजीत
ने श्री राम पर भी किया था। कार्य
क्षमता- लक्ष्य का संपूर्ण
विनाश। इससे एक समय पर कई
तरह का विनाश किया जा सकता है।
कल्युग समानता– परमाणु बम इसे
देख कर लगता है कि सूर्य के लिए
कुछ भी नया नहीं। वो यह सब पहले
भी देख चुका है।
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